Daily Readings
Liturgical Year A, Cycle II
Tuesday of the Fourth week of Advent
दैनिक पाठ:
पहला पाठ: Malachi 3:1-4, 23-24
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 25:4-5, 8-9, 10, 14
सुसमाचार : सन्त लूकस 1:57-66
Saint John of Kanty, priest - Optional Memorial
माता मरियम की माला विनती: दु:ख के पाँच भेद
Daily Readings
Tuesday of Christmas Week
पहला पाठ: मलआकी का ग्रन्थ 3:1-4, 23-24
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 25:4-5, 8-9, 10, 14
सुसमाचार: सन्त लूकस 1:57-66
First Reading
मलआकी का ग्रन्थ 3:1-4, 23-24
"विधान का दूत आ रहा है।"
प्रभु - ईश्वर यह कहता है, "देखो, मैं अपना दूत भेजूँगा, जिससे वह मेरे लिए मार्ग तैयार करे। वह प्रभु, जिसे तुम खोजते हो, अचानक अपने मंदिर आ जायेगा। देखो, विधान का वह दूत, जिसके लिए तुम तरसते हो, आ रहा है। कौन उसके आगमन के दिन का सामना कर सकेगा? जब वह प्रकट होगा तो कौन टिकेगा? क्योंकि वह सुनार की आग और धोबी के खार के सदृश है। वह चाँदी गलाने वाले शोधन करने वाले की तरह बैठ कर लेवी के पुत्रों को शुद्ध करेगा और सोने-चाँदी की तरह उनका परिष्कार करेगा। तब वे योग्य रीति से ईश्वर को भेंट चढ़ायेंगे और प्रभु ईश्वर प्राचीन काल की तरह यूदा और येरुसालेम की भेंट स्वीकार करेगा। "देखो, उस महान् एवं भयानक दिन के पहले, प्रभु के दिन के पहले, मैं नबी एलियस को तुम्हारे पास भेजूँगा। वह पिता का हृदय पुत्र की ओर अभिमुख करेगा और पुत्र का हृदय पिता की ओर। कहीं ऐसा न हो कि मैं आ कर देश का सर्वनाश कर दूँ।”
प्रभु की वाणी।
Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 25:4-5, 8-9, 10, 14
अनुवाक्य : उठ खड़े हो जाओ और सिर ऊपर उठाओ, क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट है।
हे प्रभु! तू मुझे अपने मार्ग दिखा, तू मुझे अपने पथ बता। मुझे अपनी सच्चाई के मार्ग पर ले चल और मुझे शिक्षा देने की कृपा कर, क्योंकि तू ही मेरा ईश्वर और मुक्तिदाता है।
अनुवाक्य : उठ खड़े हो जाओ और सिर ऊपर उठाओ, क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट है।
प्रभु भला और न्यायी है, वह पापियों को मार्ग पर लाता है। वह दीनों को सन्मार्ग पर ले चलता और पददलितों को अपना मार्ग बताता है।
अनुवाक्य : उठ खड़े हो जाओ और सिर ऊपर उठाओ, क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट है।
प्रभु के विधान और नियमों पर चलने वाले जानते हैं कि उसके मार्ग प्रेम और सच्चाई हैं। प्रभु पर श्रद्धा रखने वाले उसके कृपापात्र हैं और उसके विधान का रहस्य जानते हैं।
अनुवाक्य : उठ खड़े हो जाओ और सिर ऊपर उठाओ, क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट है।
Gospel
सन्त लूकस 1:57-66
योहन बपतिस्ता का जन्म।
एलीजबेथ के प्रसव का समय पूरा हो गया और उसने एक पुत्र को जन्म दिया। उसके पड़ोसियों और सम्बन्धियों ने सुना कि प्रभु ने उस पर इतनी बड़ी दया की है और उन्होंने उसके साथ आनन्द मनाया। आठवें दिन वे बच्चे का खतना करने आये। वे उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकरियस रखना चाहते थे, परन्तु उसकी माँ ने कहा, "जी नहीं, उसका नाम योहन, रखा जायेगा”। उन्होंने उस से कहा, "तुम्हारे कुटुम्ब में यह नाम तो किसी का भी नहीं है"। तब उन्होंने उसके पिता से इशारे से पूछा कि वह उसका नाम क्या रखना चाहता है। उसने पाटी मँगा कर लिखा, "उसका नाम योहन है"। सब अचम्भे में पड़ गये। उसी क्षण जकरियस के मुख और जीभ के बंधन खुल गये और वह ईश्वर की स्तुति करते हुए बोलने लगा। सभी पड़ोसी विस्मित हो गये और यहूदिया के पहाड़ी प्रदेश में ये सब बातें चारों ओर फैल गयीं। सभी सुनने वाले यह कह कर मन-ही-मन विचार करने लगे, "पता नहीं, यह बालक क्या होगा?" वास्तव में बालक पर प्रभु का अनुग्रह बना रहा।
प्रभु का सुसमाचार।