Daily Readings

Mass Readings for
13 - Dec- 2025
Saturday, December 13, 2025
Liturgical Year A, Cycle II
(Saturday of the Second week of Advent)

Saint Lucy, virgin and martyr - Memorial

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: प्रवक्ता-ग्रन्थ 48:1-4, 9-11
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 80:2-3, 15-16, 18-19
सुसमाचार : सन्त मत्ती 17:10-13

माता मरियम की माला विनती: आनन्द के पाँच भेद


आगमन का दूसरा सप्ताह – शनिवार

पहला पाठ: प्रवक्ता-ग्रन्थ 48:1-4, 9-11
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 80:2-3, 15-16, 18-19
सुसमाचार: सन्त मत्ती 17:10-13

First Reading
प्रवक्ता-ग्रन्थ 48:1-4, 9-11
एलियस फिर आयेंगे।

तब एलियस अग्नि की तरह प्रकट हुआ। उसकी वाणी धधकती मशाल के सदृश थी। उसने उनके देश में अकाल भेजा और अपने धर्मोत्साह में उनकी संख्या घटा दी। उसने प्रभु के वचन से आकाश के द्वार बन्द किये और तीन बार आकाश से अग्नि गिरायी। हे एलियस ! आप अपने चमत्कारों के कारण कितने महान् थे ! आपके सदृश होने का दावा कौन कर सकता है ! आप अग्नि की आँधी में, अग्निमय अश्वों के रथ में आरोहित कर लिये गये। आपके विषय में लिखा है कि आप निर्धारित समय पर चेतावनी देने आयेंगे, जिससे ईश्वरीय प्रकोप भड़कने से पहले ही आप उसे शांत करें, पिता और पुत्र का मेल करायें और इस्राएल के वंशों का पुनरुद्धार करें। धन्य हैं वे, जिन्होंने आपके दर्शन किये, जो आपके प्रेम से सम्मानित हुए !

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 80:2-3, 15-16, 18-19
अनुवाक्य : हे ईश्वर ! हमें वापस बुला। हम पर दयादृष्टि कर और हमारा उद्धार हो जायेगा।

हे प्रभु ! तू इस्राएल का चरवाहा है, हमारी सुन। तू स्वर्गदूतों पर विराजमान है, अपना तेज दिखां। अपनी शक्ति को जगा और आ कर हमें बचाने की कृपा कर।
अनुवाक्य : हे ईश्वर ! हमें वापस बुला। हम पर दयादृष्टि कर और हमारा उद्धार हो जायेगा।

विश्वमंडल के प्रभु ! स्वर्ग से हम पर दयादृष्टि कर। तूने यह दाखलता लगायी है, आ कर उसकी रक्षा कर।
अनुवाक्य : हे ईश्वर ! हमें वापस बुला। हम पर दयादृष्टि कर और हमारा उद्धार हो जायेगा।

जिसे तूने चुन लिया है, जिसे तूने बढ़ने की शक्ति दी है, उसे अपने दाहिने हाथ से सँभाल। हम फिर कभी तुझे नहीं छोड़ेंगे; हमें बचाने की कृपा कर, जिससे हम तेरा गुणगान कर सकें।
अनुवाक्य : हे ईश्वर ! हमें वापस बुला। हम पर दयादृष्टि कर और हमारा उद्धार हो जायेगा।

Gospel
सन्त मत्ती 17:10-13
"एलियस आ चुका है और उन्होंने उसे नहीं पहचाना।"

पहाड़ से उतरते समय येसु के शिष्यों ने उनसे पूछा, "शास्त्री यह क्यों कहते हैं कि पहले एलियस को आना है?" येसु ने उत्तर दिया, ‘“एलियस को अवश्य आना है और सब कुछ ठीक कर देना है। परन्तु मैं तुम लोगों से कहता हूँ - एलियस आ चुका है। उन्होंने उसे नहीं पहचाना है और उसके साथ मनमाना व्यवहार किया है। उसी तरह मानव पुत्र भी उनके हाथों दुःख उठायेगा।" तब वे समझ गये कि येसु योहन बपतिस्ता के विषय में कह रहे हैं।

प्रभु का सुसमाचार।