Daily Readings

Mass Readings for
22 - Dec- 2025
Monday, December 22, 2025
Liturgical Year A, Cycle II
Monday of the Fourth week of Advent

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: समूएल का पहला ग्रन्थ 1:24-28
स्तोत्र: समूएल का पहला ग्रन्थ 2:1, 4-5, 6-7, 8
सुसमाचार : सन्त लूकस 1:46-56

माता मरियम की माला विनती: आनन्द के पाँच भेद


Monday of the Fourth week of Advent

पहला पाठ: समूएल का पहला ग्रन्थ 1:24-28
भंजन: समूएल का पहला ग्रन्थ 2:1, 4-5, 6-7, 8
सुसमाचार: सन्त लूकस 1:46-56

First Reading
समूएल का पहला ग्रन्थ 1:24-28
समूएल के जन्म के लिए अन्ना का धन्यवाद।

जब अन्ना समूएल का दूध छुड़ा चुकी, तो उसने उसे अपने साथ कर लिया। वह तीन बरस का बछड़ा, एक मन आटा और एक मशक अंगूरी ले गयी और समूएल को शिलो में प्रभु के मंदिर के भीतर लायी। उस समय बालक छोटा था। बछड़े की बलि चढ़ाने के बाद, वे बालक को एली के पास ले गये। अन्ना ने कहा, "महोदय ! क्षमा करें। महोदय ! आपकी शपथ, मैं वही स्त्री हूँ जो यही प्रभु से प्रार्थना करती हुई आपके सामने खड़ी थी। मैंने इस बालक के लिए प्रार्थना की और प्रभु ने मेरी प्रार्थना स्वीकार कर ली। इसलिए मैं इसे प्रभु को अर्पित करती हूँ। यह आजीवन प्रभु को अर्पित है। " और उन्होंने वहाँ प्रभु की आराधना की।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
समूएल का पहला ग्रन्थ 2:1, 4-5, 6-7, 8
अनुवाक्य : मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठता है।

मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठता है। मुझे अपने प्रभु से शक्ति मिली है और मैं अपने शत्रुओं का सामना कर सकता हूँ, क्योंकि तेरा सहारा मुझे उत्साहित करता है।
अनुवाक्य : मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठता है।

शक्तिशालियों के धनुष टूट गये और जो दुर्बल थे, वे शक्तिसम्पन्न बन गये। जो धनी थे, वे रोटी के लिए मजबूरी करते हैं और जो भूखे थे, वे सम्पन्न बन गये। जो बाँझ थी, वह सात बार प्रसव करती है और जो पुत्रवती थी, उसकी गोद खाली है।
अनुवाक्य : मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठता है।

प्रभु मारता और जिलाता है, वह मनुष्यों को अधोलोक पहुँचाता और वहाँ से निकालता है, प्रभु निर्धन और धनी बना देता है, वह मनुष्यों को नीचा दिखाता और उन्हें ऊँचा उठाता है।
अनुवाक्य : मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठता है।

वह दीन-हीन को धूल में से निकालता है और कूड़े पर बैठे हुए कंगाल को ऊपर उठा कर उसे रइसों की संगति में पहुँचाता और सम्पन्न के आसन पर बैठा देता है।
अनुवाक्य : मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठता है।
रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 1:1-7

Gospel
सन्त लूकस 1:46-56
"उसने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।"

मरियम बोल उठी, “मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है, क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर कृपादृष्टि की है। अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी; क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं। पवित्र है उसका नाम ! उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है। उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है, उसने घमंडियों को तितर-बितर कर दिया है। उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया और दीनों को महान् बना दिया है। उसने दरिद्रों को सम्पन्न किया और धनियों को खाली हाथ लौटा दिया है। इब्राहीम और उनके वंश के प्रति अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर, उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अपने दास इस्राएल की सुध ली है।" लगभग तीन महीने एलीजबेथ के साथ रह कर मरियम अपने घर लौट गयी।

प्रभु का सुसमाचार।