Daily Readings
Liturgical Year A, Cycle II
Saturday of the Third week of Advent
दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 7:10-14
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 24:1-2, 3-4, 5-6
सुसमाचार : सन्त लूकस 1:26-38
माता मरियम की माला विनती: आनन्द के पाँच भेद
Daily Readings
Saturday of the Third week of Advent
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 7:10-14
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 24:1-2, 3-4, 5-6
सुसमाचार: सन्त लूकस 1:26-38
First Reading
इसायाह का ग्रन्थ 7:10-14
"कुँवारी गर्भवती होगी।"
प्रभु ने आख़ाज से कहा, " चाहे अधोलोक की गहराई से हो, चाहे आकाश की ऊँचाई से, अपने प्रभु ईश्वर से अपने लिए एक चिह्न माँगो। ''आख़ाज ने उत्तर दिया, "जी नहीं। मैं प्रभु की परीक्षा नहीं लूँगा।" इस पर उसने कहा, "हे दाऊद के वंश ! मेरी बात सुनो। क्या मनुष्य को तंग करना तुम्हारे लिए पर्याप्त नहीं है, जो तुम ईश्वर के धैर्य की भी परीक्षा लेना चाहते हो? प्रभु स्वयं तुम्हें एक चिह्न देगा। और वह यह है - एक कुँवारी गर्भवती होगी। वह पुत्र प्रसव करेगी और वह उसका नाम एम्मानुएल रखेगी, जिसका अर्थ है : प्रभु हमारे साथ है।"
प्रभु की वाणी।
Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 24:1-2, 3-4, 5-6
अनुवाक्य : प्रभु को प्रवेश करने दो। वह महाप्रतापी राजा है।
पृथ्वी और जो कुछ उस में है, संसार और उसके निवासी - यह सब प्रभु का है। क्योंकि उसी ने समुद्र पर उसकी नींव डाली है, प्रभु ने जल पर उसे स्थापित किया है।
अनुवाक्य : प्रभु को प्रवेश करने दो। वह महाप्रतापी राजा है।
प्रभु के पर्वत पर कौन चढ़ेगा ! उसके मंदिर में कौन रह पायेगा? वही, जिसके हाथ निर्दोष हैं, जिसका हृदय निर्मल है, और जो शपथ खा कर धोखा नहीं देता।
अनुवाक्य : प्रभु को प्रवेश करने दो। वह महाप्रतापी राजा है।
उसी को प्रभु की आशिष प्राप्त होगी, वही अपने मुक्तिदाता ईश्वर से पुरस्कार पायेगा। वह उन लोगों के सदृश है, जो प्रभु की खोज में लगे रहते हैं। जो याकूब के ईश्वर के दर्शनों के लिए तरसते हैं।
अनुवाक्य : प्रभु को प्रवेश करने दो। वह महाप्रतापी राजा है।
Gospel
सन्त लूकस 1:26-38
"आप गर्भवती होंगी और पुत्र प्रसव करेंगी।"
छठे महीने स्वर्गदूत गाब्रिएल, ईश्वर की ओर से, गलीलिया के नाजरेत नामक नगर में एक कुँवारी के पास भेजा गया, जिसकी मँगनी दाऊद के घराने के योसेफ नामक पुरुष से हुई थी, और उस कुँवारी का नाम था मरियम। स्वर्गदूत ने उसके यहाँ अंदर आ कर उस से कहा, “प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री ! प्रभु आपके साथ है।" वह इन शब्दों से घबरा गयी और मन में सोचने लगी कि इस प्रणाम का क्या अभिप्राय है। तब स्वर्गदूत ने उस से कहा, "मरियम, डरिए नहीं। आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त है। देखिए, आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेंगी और उनका नाम येसु रखेंगी। वह महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु के पुत्र कहलायेंगे। प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा, वह याकूब के घराने पर सदा-सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अंत नहीं होगा।" पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, "यह कैसे हो सकता है? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है। "स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वह पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे। देखिए, बुढ़ापे में आपकी कुटुम्बिनी एलीजबेथ के भी बेटा होने वाला है। अब उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठा महीना हो रहा है; क्योंकि ईश्वर लिए कुछ भी असंभव नहीं है।" मरियम ने कहा, "देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये।" और स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।
प्रभु का सुसमाचार।