Daily Readings
Liturgical Year C, Cycle I
Wednesday of the Fourteenth week in Ordinary Time
दैनिक पाठ:
पहला पाठ: उत्पत्ति ग्रन्थ 41:55-57; 42:5-7, 17-24
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 33:2-3, 10-11, 18-19
सुसमाचार : सन्त मत्ती 10:1-7
Saints Augustine Zhao Rong, priest and martyr, and Companions, martyrs - Optional Memorial
दैनिक पाठ:
From the Proper of the Celebration
पहला पाठ: First John 5:1-5
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 125:1-5
सुसमाचार : सन्त योहन 12:24-26
माता मरियम की माला विनती: महिमा के पाँच भेद
Daily Readings
वर्ष का चौदहवाँ सप्ताह, बुधवार - वर्ष 1
पहला पाठ: उत्पत्ति ग्रन्थ 41:55-57; 42:5-7, 17-24
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 33:2-3, 10-11, 18-19
सुसमाचार: सन्त मत्ती 10:1-7
First Reading
उत्पत्ति ग्रन्थ 41:55-57; 42:5-7, 17-24
"हमने अपने भाई के साथ जो अन्याय किया, उसका दण्ड हम भोग रहे हैं।"
समस्त मिस्त्र देश में अकाल पड़ने लगा और लोग फिराउन से रोटी माँगने आये। फिराउन ने सभी मिस्त्रियों से कहा, "योसेफ के पास जाओ और वह जो कहे, वही करो।" हर प्रदेश में अकाल था और योसेफ ने सभी गोदामों को खुलवा कर मिस्त्रियों को अनाज बेच दिया। मिस्र देश में अकाल बढ़ता जा रहा था। सभी देशों से लोग योसेफ से अनाज खरीदने आये, क्योंकि पृथ्वी भर घोर अकाल पड़ने लगा था। इस्स्राएल के पुत्र दूसरे लोगों के साथ अनाज खरीदने आये, क्योंकि कनान देश में अकाल था। उस समय योसेफ समस्त मिस्र का शासन करता था और सभी निवासियों को अनाज बेचता था। योसेफ के भाई उसके पास आये और उन्होंने उसे दण्डवत् किया। योसेफ ने उन्हें देखते ही पहचान लिया, किन्तु उसने उन से अपरिचित होने का स्वाँग भर कर कठोर स्वर में पूछा, "तुम लोग कहाँ से आये हो?" उन्होंने उत्तर दिया, "कनान देश से; अनाज खरीदने के लिए।" योसेफ ने उन्हें तीन दिन तक क़ैद में डाल दिया। तीसरे दिन उसने उन से कहा, "यदि तुम जीवित रहना चाहते हो, तो मैं तुम से जो कहने जा रहा हूँ, वही करो; क्योंकि मैं ईश्वर पर श्रद्धा रखता हूँ। यदि तुम सच्चे हो, तो तुम में से एक भाई यहाँ कैद में रहेगा। दूसरे अपने भूखे परिवारों के लिए अनाज ले कर जा सकते हैं, किन्तु तुम्हें अपने कनिष्ठ भाई को मेरे पास ले आना होगा। तभी तुम्हारी बात सच निकलेगी और तुम लोग जीवित रहोगे।" उन्होंने ऐसा ही किया और एक दूसरे से कहा, "हमने अपने भाई के साथ जो अन्याय किया, उसका दण्ड हम भोग रहे हैं। उसने हम से दया की याचना की और हमने उसकी दुर्गति देख कर भी उसे ठुकराया। इसी से हम यह विपत्ति भोग रहे हैं।" रूबेन ने उन से कहा, "मैंने तुम लोगों को कितना समझाया कि बच्चे के साथ अन्याय मत करो, किन्तु तुमने मेरी एक भी नहीं मानी और अब हम से उसके खून का बदला लिया जा रहा है।" उन्होंने एक दुभाषिये का उपयोग किया था, इसलिए उन्हें मालूम नहीं था कि योसेफ उनकी बातें समझ रहा है। योसेफ उन से अलग हो गया और रोने लगा। बाद में उसने लौट कर उन से बातचीत की।
प्रभु की वाणी।
Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 33:2-3, 10-11, 18-19
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तेरा प्रेम हम पर बना रहे। तुझ पर ही हमारा भरोसा है।
वीणा बजा कर प्रभु का धन्यवाद करो, सारंगी पर उसका स्तुतिगान करो। उसके आदर में नया गीत गाओ, मन लगा का वीणा बजाओ।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तेरा प्रेम हम पर बना रहे। तुझ पर ही हमारा भरोसा है।
प्रभु राष्ट्रों की योजनाएँ व्यर्थ करता और उनके उद्देश्य पूरे नहीं होने देता है। प्रभु की योजनाएँ चिरस्थायी हैं, उसके उद्देश्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहते हैं।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तेरा प्रेम हम पर बना रहे। तुझ पर ही हमारा भरोसा है।
प्रभु की कृपादृष्टि अपने भक्तों पर बनी रहती है, उन पर जो उसके प्रेम से यह आशा करते हैं कि वह उन्हें मृत्यु से बचायेगा और अकाल के समय उनका पोषण करेगा।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तेरा प्रेम हम पर बना रहे। तुझ पर ही हमारा भरोसा है।
Gospel
सन्त मत्ती 10:1-7
"इस्त्राएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों के यहाँ जाओ।"
येसु ने अपने बारह शिष्यों को अपने पास बुला कर उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया और अशुद्ध आत्माओं को निकालने तथा हर तरह की बीमारी और दुर्बलता दूर करने की शक्ति प्रदान की। बारह प्रेरितों के नाम इस प्रकार हैं- पहला, सिमोन, जो पेत्रुस कहलाता है, और उसका भाई अन्द्रेयस; जेबेदी का पुत्र याकूब और उसका भाई योहन; फिलिप और बरथोलोमी; थोमस और नाकेदार मत्ती; अलफ़ाई का पुत्र याकूब और थद्देयुस; सिमोन कनानी और यूदस इसकारियोती, जिसने येसु को पकड़वाया। येसु ने इस बारहों को ये अनुदेश दे कर भेजा, "अन्य राष्ट्रों के यहाँ मत जाओ और समारियों के नगरों में प्रवेश मत करो, बल्कि इस्राएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों के यहाँ जाओ। राह चलते यह उपदेश दिया करो - स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।"
प्रभु का सुसमाचार।