Daily Readings

Mass Readings for
14 - Dec- 2025
Sunday, December 14, 2025
Liturgical Year A, Cycle II
Third Sunday of Advent

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 35:1-6, 10
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 146:6-7, 8-9, 9-10
दूसरा पाठ: James 5:7-10
सुसमाचार : सन्त मत्ती 11:2-11

माता मरियम की माला विनती: आनन्द के पाँच भेद


आगमन का तीसरा इतवार - वर्ष A

पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 35:1-6, 10
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 146:6-7, 8-9, 9-10
दूसरा पाठ: सन्त याकूब का पत्र 5:7-10
सुसमाचार: सन्त मत्ती 11:2-11

First Reading
इसायाह का ग्रन्थ 35:1-6, 10
"ईश्वर स्वयं तुम्हें बचाने आ रहा है।"

मरुस्थल और निर्जल प्रदेश आनन्द मनायें, उजाड़ भूमि हर्षित हो कर फले-फूले, वह कुमुदिनी की तरह खिल उठे, वह उल्लास और आनन्द के गीत गाये। उसे लेबानोन का गौरव दिया गया है, कार्मेल तथा शारोन की शोभा। लोग प्रभु की महिमा तथा हमारे ईश्वर के प्रताप के दर्शन करेंगे। थके-माँदे हाथों को शक्ति दो, निर्बल पैरों को सुदृढ़ बना दो। घबराये हुए लोगों से कह दो ढारस रखो, डरो मत। देखो, तुम्हारा ईश्वर आ रहा है। वह बदला चुकाने आता है, वह प्रतिशोध करने आता है, वह स्वयं तुम्हें बचाने आ रहा है। तब अंधों की आँखें देखने और बहरों के कान सुनने लगेंगे। लँगड़ा हरिण की तरह छलाँग भरेगा और गूँगे की जीभ आनन्द का गीत गायेगी, क्योंकि प्रभु द्वारा छुड़ाये हुए लोग लौटेंगे। वे गाते - बजाते हुए सियोन लौटेंगे, वे चिरस्थायी सुख-शांति ले कर आयेंगे, वे आनन्द और उल्लास के साथ लौटेंगे। दुःख और विलाप का अंत हो जायेगा।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 146:6-7, 8-9, 9-10
अनुवाक्य : हे प्रभु! आ कर हमें बचाने की कृपा कर। (अथवा अल्लेलूया।)

प्रभु सदा ही सत्यप्रतिज्ञ है। वह पददलितों को न्याय दिलाता, भूखों को तृप्त करता और बन्दियों को मुक्त कर देता है।
अनुवाक्य : हे प्रभु! आ कर हमें बचाने की कृपा कर। (अथवा अल्लेलूया।)

प्रभु अंधों की आँखों को अच्छा करता और झुके हुए को सीधा करता है, वह परदेशी की रक्षा करता और अनाथ तथा विधवा को सँभालता है।
अनुवाक्य : हे प्रभु! आ कर हमें बचाने की कृपा कर। (अथवा अल्लेलूया।)

प्रभु धर्मियों को प्यार करता और विधर्मियों के मार्ग में बाधा डालता है। प्रभु, सियोन का ईश्वर, युगानुयुग राज्य करता रहेगा।
अनुवाक्य : हे प्रभु! आ कर हमें बचाने की कृपा कर। (अथवा अल्लेलूया।)

Second Reading
सन्त याकूब का पत्र 5:7-10
“हिम्मत न हारिए ! प्रभु का आगमन निकट है।"
भाइयो ! प्रभु के आने तक धैर्य धरिए। किसान को देखिए, जो खेत की कीमती फसल की बाट जोहता है - उसे प्रथम और अंतिम वर्षा के आने तक धैर्य धरना पड़ता है। आप लोग भी धैर्य धरिए। हिम्मत न हारिए, क्योंकि प्रभु का आगमन निकट है। हे भाइयो ! एक दूसरे की शिकायत नहीं कीजिए, जिससे आप पर दोष न लगाया जाये। देखिए, न्यायकर्त्ता द्वार पर खड़े हैं। भाइयो! जो नबी प्रभु के नाम पर बोले हैं, उन्हें सहिष्णुता तथा धैर्य का अपना आदर्श समझ लीजिए।

प्रभु की वाणी।

Gospel
सन्त मत्ती 11:2-11
"क्या आप ही वह हैं, जो आने वाले हैं अथवा हम किसी दूसरे की प्रतीक्षा करें?"

योहन ने, बंदीगृह में मसीह के कार्यों की चरचा सुन कर अपने शिष्यों को उनके पास यह पूछने भेजा, "क्या आप ही वह हैं, जो आने वाले हैं अथवा हम किसी दूसरे की प्रतीक्षा करें?" येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "जाओ। जो कुछ तुम सुनते और देखते हो, उसे योहन को बताओ - अंधे देखते हैं, लँगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किये जाते हैं, बहरे सुनते हैं, मुरदे जिलाये जाते हैं, दरिद्रों को सुसमाचार सुनाया जाता है; और धन्य है वह, जिसका विश्वास मुझ पर से नहीं उठ जाता है !" वे विदा हो ही रहे थे कि येसु जनसमूह से योहन के विषय कहने लगे, "तुम लोग निर्जन प्रदेश क्या देखने गये थे? हवा से हिलते हुए सरकंडे को? नहीं ! तब तुम क्या देखने गये थे? बढ़िया कपड़े पहने मनुष्य को? नहीं ! बढ़िया कपड़े पहनने वाले राजमहलों में रहते हैं। आखिर क्यों निकले थे? नबी को देखने के लिए? निश्चय ही ! मैं तुम से कहता हूँ, नबी से भी महान् व्यक्ति को। यह वही है, जिसके विषय में लिखा है- देखो, मैं अपने दूत को तुम्हारे आगे भेजता हूँ। वह तुम्हारे आगे तुम्हारा `मार्ग तैयार करेगा। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ- मनुष्यों में योहन बपतिस्ता से बड़ा कोई भी पैदा नहीं हुआ फिर भी स्वर्गराज्य में जो सब से छोटा है, वह योहन से बड़ा है।"

प्रभु का सुसमाचार।