Daily Readings

Mass Readings for
10 - Dec- 2025
Wednesday, December 10, 2025
Liturgical Year A, Cycle II
Wednesday of the Second week of Advent

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 40:25-31
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 103:1-2, 3-4, 8, 10
सुसमाचार : सन्त मत्ती 11:28-30

माता मरियम की माला विनती: महिमा के पाँच भेद


आगमन का दूसरा सप्ताह – बुधवार

पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 40:25-31
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 103:1-2, 3-4, 8, 10
सुसमाचार: सन्त मत्ती 11:28-30

First Reading
इसायाह का ग्रन्थ 40:25-31
सर्वशक्तिमान् ईश्वर।

परमपावन ईश्वर कहता है, " तुम मेरी तुलना किस से करना चाहते हो? मेरी बराबरी कौन कर सकता है? आकाश की ओर दृष्टि लगाओ। किसने यह सब बनाया है? उसी ने, जो नक्षत्रों का समूह फैलाता और एक- एक का नाम ले कर पुकारता है। उसका सामर्थ्य इतना महान है और उसका तेज इतना अदम्य कि एक भी नक्षत्र अविद्यमान नहीं रहता। हे याकूब ! तुम यह क्यों कहते हो कि प्रभु मेरी दुर्दशा पर ध्यान नहीं देता, मेरा ईश्वर मुझे न्याय नहीं दिलाता ! इस्राएल ! तुम यह क्यों कहते हो ! क्या तुम यह नहीं जानते, क्या तुमने यह नहीं सुना कि प्रभु अनादि - अनन्त ईश्वर है, वह समस्त पृथ्वी का सृष्टिकर्त्ता है? वह कभी क्लान्त अथवा परिश्रान्त नहीं हो जाता। कोई भी उसकी प्रज्ञा की थाह नहीं ले सकता। वह थके-माँदे को बल देता और अशक्त को सँभालता है। जवान भले ही थक कर चूर हो जायें और फिसल कर गिर पड़े, किन्तु प्रभु पर भरोसा रखने वालों को नयी स्फूर्ति मिलती रहती है। वे गरुड़ की तरह अपने पंख फैलाते हैं, वे दौड़ते रहते हैं, किन्तु थकते नहीं, वे आगे बढ़ते हैं पर शिथिल नहीं होते।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 103:1-2, 3-4, 8, 10
अनुवाक्य : मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे।

मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे, मेरा सर्वस्व उसके पवित्र नाम की स्तुति करे। मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे और उसके वरदानों को कभी नहीं भुलाये।
अनुवाक्य : मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे।

वह मेरे सभी अपराध क्षमा करता और मेरी सारी कमजोरी दूर करता है। वह मुझे सर्वनाश से बचाता और प्रेम तथा अनुकम्पा से सँभालता है।
अनुवाक्य : मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे।

प्रभु दया तथा अनुकम्पा से परिपूर्ण है, वह सहनशील है और अत्यन्त प्रेममय। वह न तो हमारे पापों के अनुसार हमारे साथ व्यवहार करता और न हमारे अपराधों के अनुसार हमें दण्ड देता है।
अनुवाक्य : मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे।

Gospel
सन्त मत्ती 11:28-30
“थके-माँदे लोगो ! तुम सब के सब मेरे पास आओ।"

येसु ने कहा, “थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो ! तुम सब के सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझ से सीखो। मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ। इस तरह तुम अपनी आत्मा के लिए शांति पाओगे, क्योंकि मेरा जूआ सहज है और मेरा बोझ हलका।"

प्रभु का सुसमाचार।